बागेश्वर। दिनांक 9 मार्च 2022 को उत्तराखंड अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के प्रथम अध्यक्ष स्व. श्री गिरीश लाल टम्टा जी के 5 मार्च 2022 को देहांत के पश्चात शिल्पकार सभा खरेही द्वारा मंगल पैलेस बागेश्वर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का प्रारंभ सामाजिक कार्यकर्ता एवं पत्रकार रमेश प्रकाश पर्वतीय, बसपा के जिलाध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश टम्टा एवं शिल्पकार सभा खरेही के अध्यक्ष पीतांबर लोबियाल द्वारा गिरीश लाल टम्टा जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि कर किया गया. इसके पश्च्यात उपस्थित समस्त लोगों द्वारा उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई. कार्यक्रम का संचालन करते हुए संजय कुमार टम्टा द्वारा बताया गया कि गिरीश लाल टम्टा जी का जन्म 2 जून 1939 को ग्राम झिरौली क्षेत्र खरेही के जनपद बागेश्वर में हुआ. उनकी प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा उनके शिक्षक पिता मनोहर लाल के साथ ही द्वाराहाट, गणनाथ आदि क्षेत्रों में हुई. इससे आगे उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा आगरा से व वकालत की शिक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय से प्राप्त की,वह विद्यार्थी जीवन से ही होनहार होने के चलते वह पहले डिस्ट्रिक्ट प्लानिंग ऑफिसर के रूप में व बाद में नेशनल सेविंग ऑफिसर के रूप में नियुक्ति हुए. लेकिन सामाजिक सेवा में रुचि के चलते वह सरकारी सेवा छोड़ वकालत के साथ समाज सेवा के कार्य में उतर आये. उन्होंने आरंभ में अल्मोड़ा में व बाद में बागेश्वर को अपना कार्यक्षेत्र बनाया इसी बीच वह सामाजिक संगठनों व राजनीति दलों से भी जुड़े रहे और बागेश्वर क्षेत्र से विधानसभा चुनाव भी लड़े. उत्तराखंड बनने के बाद उत्तराखंड अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के प्रथम अध्यक्ष के रूप में नियुक्त हुए. इस दौरान उनके द्वारा एस सी एस टी समाज हित में बहुत से कार्य किए गए. रमेश प्रकाश पर्वती द्वारा उनके साथ व्यतीत पलों का स्मरण करते हुए उन्हें समाज का आदर्श व्यक्ति मानते हुए कहा कि बागेश्वर उनकी कर्मभूमि रही थी वकालत के साथ ही वह गरीब असहाय लोगों के लिए सेवा भाव से निशुल्क में न्याय दिलाने का कार्य करते थे. ओम प्रकाश टम्टा जी द्वारा कहा गया कि उनका जीवन समाज के लिए अनुकरणीय है. बागेश्वर जैसे छोटे से क्षेत्र में रहते हुए वह निरंतर प्रगतिपथ पर अग्रसर रहे व अपने बच्चों का उचित मार्गदर्शन करते हुए उन्हें देश के प्रतिष्ठित पदों तक पहुंचाने में सफल रहे. उनकी पत्नी श्रीमती मुन्नी टम्टा जिला शिक्षा अधिकारी पद से सेवानिवृत हुई व उनके एक पुत्र नीरज टम्टा यूपीसीएल में चीफ इंजीनियर के पद पर एवं दुसरे पुत्र आई पी एस हैं. वर्तमान में गृह मंत्रालय दिल्ली में कार्यरत हैं. इसके साथ ही वह अपने परिवार व समाज के भी बच्चों को उच्च शिक्षा हेतु सहयोग करते थे व उन्हें प्रेरित करते थे. और दूसरों को भी सदैव आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे. वह ईमानदार स्पष्टवादी प्रखर वक्ता थे. वह व्यक्ति व समाज हित को ही सर्वाधिक महत्व देते थे यही उनके व्यक्तित्व की खासियत थी. इसी प्रकार अन्य वक्ताओं द्वारा भी उनके व्यक्तित्व व कार्यों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई. कार्यक्रम के अंत में उनके सम्मान में उपस्थित लोगों द्वारा दो मिनट का मौन रखा गया.
कार्यक्रम में नवल किशोर टम्टा, गोविंद प्रसाद आगरी, संतोष कुमार, सुनीता टम्टा, विनोद कुमार टम्टा, अनिल कुमार, दीप प्रकाश,नन्द किशोर टम्टा, दिनेश चंद्र, विजय टम्टा, सुनील कुमार संतोष लोबियाल. आदि उपस्थित थे।