अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय,परिसर अल्मोड़ा के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में *स्वास्थ्य संचार एवं जनसंपर्क* विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन हुआ।
व्याख्यानमाला के अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के संयोजक प्रो.जगत सिंह बिष्ट, विषय विशेषज्ञ श्री आदित्य कुमार, विभाग प्रभारी डॉ ललित चंद्र जोशी ने कार्यक्रम की शुरुआत की।
मुख्य वक्ता के रूप में पत्रकारिता के विशेषज्ञ श्री आदित्य कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य पत्रकारिता और जनसंपर्क आज के समय में बहुत महत्वपूर्ण है। आज के समय में स्वास्थ्य को लेकर जनजागरूकता आ रही है, स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ कार्य कर रहे हैं। पत्रकारिता के माध्यम से स्वास्थ्य से जुड़े प्रत्येक पहलू संचारित हो रहे हैं। स्वास्थ्य के विविध पहलुओं को सामने लाना ही स्वास्थ्य पत्रकारिता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए आपको गंभीरता से पत्रकारिता के गुर सीखने होंगे। पत्रकारिता के विद्यार्थियों समाज के हर पहलू पर अपनी सूक्ष्म दृष्टि बनाये रखनी होगी।
उन्होंने पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सराहना करते हुए कहा कि यह विभाग बौद्धिकता और जागरुकता के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी का आभार जताया, साथ ही विभाग के संयोजक प्रो जगत सिंह बिष्ट एवं विभाग प्रभारी डॉ ललित जोशी को बेहतर कार्यों के लिए बधाइयाँ दी।
विभाग संयोजक प्रो जगत सिंह बिष्ट ने विशेषज्ञ का स्वागत किया और उन्होंने कहा कि पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में प्रसार व्याख्यान होना हमारे विश्वविद्यालय के लिए बहुत प्रशंसा की बात है और हम आगे भी देशभर के पत्रकारिता के विशेषज्ञों के व्याख्यान कराएंगे।
विभाग के प्रभारी डॉ ललित चन्द्र जोशी ने व्याख्यानमाला का संचालन करते हुए व्याख्यानमाला की रूपरेखा प्रस्तुत की और आभार जताया। उन्होंने संचार, चिकित्सा, शोध पर बात रखी।
अंत में व्याख्यानमाला में विद्यार्थियों ने बाह्य विशेषज्ञ से वार्ता कर अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त किया।
इस अवसर दिनेश पटेल,आशा, प्रेमा भट्ट, जयवीर सिंह नेगी, दीपक तिवारी, वेद प्रकाश बिनवाल, योगेश उप्रेती,राहुल जोशी, आशीष पंत, प्रेमा भट्ट, सपना, अनीता दानु, हिमानी बिष्ट, विनीत काण्डपाल, प्रेमा पटेल, राजेश,श्यामधन नॉटियाल,सुनील चौहान, सरिता,मानसी जोशीसहित पत्रकारिता और जनसंचार, हिंदी एवं शिक्षा संकाय के शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।