देहरादून। ग्राम पंचायत मरोडा (सकलाना) के मनवालसेरा में मूल जलस्रोत पर बारहमासी पानी रहता है और सड़क पर गिरता रहता हैं इस पानी को संरक्षित करने व गिरते पानी पर टंकी बनाने के संबंध में पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी को सुझाव पत्र दिया था जिस पर कार्यवाही करते हुए पेयजल निगम को निर्देश दिए हैं।
बताते चलें कि राजकीय इण्टर कालेज मरोडा में कार्यरत वृक्षमित्र के नाम से मशहूर डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी विगत तीस सालों से पर्यावरण संरक्षण व पानी को बचाने के लिए कार्य करते आ रहे है उन्होंने मरोडा, सकलाना के मनवालसेरा में जलस्रोत से सड़क पर बहते पानी पर जिलाधिकारी व अपर जिलाधिकारी को पानी की टैंकी बनवाने का सुझाव पत्र दिया था जिस पर कार्यवाही करते हुए अधिशासी अभियंता टिहरी का पत्र प्राप्त हुआ हैं। डॉ सोनी ने बताया कि पत्र में कहा गया हैं यह स्रोत पेयजल योजना रखरखाव में हैं और जल जीवन मिशन के अंतर्गत पेयजल निगम को आवंटित हैं इस बहते हुए पानी के जलस्रोत पर कार्यवाही पेयजल निगम द्वारा की जानी हैं। अगर यहां पर पानी की टैंकी बन जाती हैं तो इसका सबसे ज्याला लाभ राइका मरोडा के छात्र छात्राओं जिसमे कुंड, मठियाणगांव, हटवालगांव, व लामकाण्डे के बच्चों का होगा, इन स्कूली बच्चों के साथ गांव के लोगो व राह चलते राहगीरों को भी पानी का लाभ मिलेगा। वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहां पानी की टैंकी बनाते समय मूल जलस्रोत के साथ ज्यादा छेड़छाड़ ना हो और मूल जलस्रोत को संरक्षित करके रखा जाय, कहा अब देखना है कि कबतक इस जलस्रोत पर पानी की टैंकी बनती है।