
सतना। मध्य प्रदेश में चल रही मूलनिवासी संघ का राष्ट्रीय अधिवेशन में महिला क्रांति सत्र मैं वक्ताओं ने कहा देश की स्वतंत्रता से पूर्व से ही मूलनिवासी महिलाओं ने समय समय पर अपना योगदान देश के निर्माण में दिया है जब महिलाओं को पढ़ने लिखने का भी अधिकार नहीं था उस समय भी राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले का महिलाओं की शिक्षा पर अत्यधिक जोर रहा है उन्होंने महिलाओं के लिए अनेक विद्यालय खोलें तथा इस कार्य के दौरान उन्हें उच्च जाति समाज के द्वारा प्रताड़ना भी झेलनी पड़ी लेकिन फिर भी उन्होंने अपना आंदोलन नहीं रुकने दिया मूलनिवासी महिलाओं ने समय-समय पर भारत राष्ट्र निर्माण में अपना नेतृत्व हमेशा किया है महिला सदैव समाज और राष्ट्र का दर्पण साबित हुई है सत्र का संचालन मूलनिवासी सरस्वती पंचेश्वर उपाध्यक्ष मूलनिवासी संघ मध्य प्रदेश प्रस्तावना मूलनिवासी आशा टम्टा राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मूलनिवासी संघ वक्ता गण मूलनिवासी रश्मि गौतम वरिष्ठ मूलनिवासी चिंतक गुजरात मूलनिवासी अरुण गांगुला प्रोफेसर केएसआर आईएएस एकेडमी हैदराबाद मूलनिवासी कलावती शंकर राष्ट्रीय संगठन सचिव पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक मूलनिवासी मोहनी कांगड़ा उपाध्यक्ष मूलनिवासी संघ हरियाणा अध्यक्षता मूलनिवासी संगीता सिंह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मूलनिवासी संघ द्वारा की गई