नई दिल्ली। गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन कर भाजपा ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुआई में भाजपा गुजरात में अपनी ”सत्ता” बरकरार रखना चाहती है। पर भाजपा के इस बदलाव में कांग्रेस को ”उम्मीद” दिख रही है। पार्टी ने एक बार फिर कोशिश शुरू कर दी है। हालांकि, पिछले चार साल में पार्टी की चुनौतियां बढ़ी हैं।वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस काफी हद तक भाजपा को घेरने में सफल रही थी। पार्टी ने बीस साल बाद साठ का आंकडा पार कर 77 सीट हासिल की। वहीं, वह भाजपा को 99 पर रोकने में सफल रही। पर कांग्रेस इस बढत को ज्यादा दिन तक बरकरार रखने में विफल रही। लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी सीट भाजपा से हार गई।विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन में राहुल गांधी की सभी अहम वर्गो तक पहुंचने की कोशिश और विवादित मूद्दों से किनारा करने के साथ तीन युवाओं की ”तिगडी” ने अहम भूमिका निभाई थी। इनमें पाटीदार अमानत आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल, अल्पेश ठाकोर और जिग्नेश मेवाणी शामिल थे। बाद में ठाकोर भाजपा में चले गए।
साभार हिन्दुस्तान