अल्मोड़ा सोबन सिंह जीना परिसर के हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषा विभाग और कुमाउनी भाषा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मातृभाषा दिवस पर गोष्ठी आयोजित हुई। कुमाऊनी भाषा विभाग की संयोजक डॉक्टर प्रीति आर्या ने कहा कि मातृभाषा दिवस हमारे लिए महत्वपूर्ण है। हमें अपनी मातृभाषा में व्यवहार करना चाहिए तथा मातृभाषा को प्रश्रय दिया जानां चाहिये। डॉ माया गोला ने कहा कि मातृभाषा को बचाने के लिए प्रयास हों। मातृभाषा के लिए अपनी रुचि विकसित करें। प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा को शामिल करें। डॉ तेजपाल सिंह ने कहा कि मातृभाषा हमारी संस्कृति की पहचान है जिसका संवर्धन किया जाए। उन्होंने मातृभाषा दिवस की बधाई दी। डॉ लता आर्या ने कहा की अपनी मातृभाषा में बातचीत करें। मातृभाषा को हेय दृष्टि से न देखें। डॉ बचन लाल ने कहा भाषा को बचाने के लिए सभी संकल्प लें। गोष्ठी में हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो जगत सिंह बिष्ट ने अध्यक्षता करते हुए कहा-लोक के किसी भी पहलू में देखें तो भाषा अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। मातृभाषा से हमारे क्षेत्र की पहचान होती है। हमारी शिक्षा पद्धति ही ऐसी रही है कि उसमें क्षेत्रीय भाषाओं को स्थान नहीं मिलता। मातृभाषाओं के लिए शासन स्तर पर प्रयास होने चाहिए। इस राज्य के प्राथमिक स्तर के पाठ्यक्रम में कुमाउनी/गढ़वाली भाषा/बोली के लेखकों से संबंधित सामग्री समाहित की जाए।भाषा के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण को बदलना होगा। उन्होंने आगे कहा कि इससे मातृभाषा को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने मातृभाषा दिवस पर बधाई दी।
डॉ आशा शैली ने संचालन करते हुए कुमाउनी भाषा के उन्नयन को लेकर बात रखी। डॉ ललित जोशी ने आभार जताया। इस अवसर पर डॉ. तेजपाल सिंह, डॉ. बचन लाल, डॉक्टर माया गोला, डॉ श्वेता चनियाल, डॉ.प्रतिमा, आशा सैनी उपस्थित रहे।