देहरादून। मुख्यमंत्री के इस्तीफे देने की हवा उत्तराखंड से होते हुए गुजरात, कर्नाटक और फिर पंजाब पहुंची और आखिरकार पंजाब में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद पंजाब का अगला मुख्यमंत्री का चेहरा मिल गया है। कांग्रेस ने कैबिनेट मंत्री और तीन बार के विधायक चरणजीत सिंह चन्नी को जिम्मेदारी देने का फैसला लिया है। कांग्रेस के सीनियर नेता चरणजीत सिंह चन्नी ने बीते सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति बने। पंजाब के नए दलित मुख्यमंत्री के शपथ लेने के दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश सिंह रावत भी वहां पर मौजूद रहे। वहीं हरीश सिंह रावत दलित के मुख्यमंत्री बनने के बाद इस कदर प्रभावित हुए कि उन्होंने एक बड़ा बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि वह एक दलित को उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहते हैं और उनकी पार्टी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करेगी। हरीश रावत ने हरिद्वार जिले के लक्सर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने पंजाब में दलित को मुख्यमंत्री बना कर इतिहास रचा है और इतिहास में ऐसे मौके बहुत कम देखने को मिले हैं जब एक दलित को पूरे राज्य की कमान सौंपी गई हो। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश सिंह रावत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा ” मैं भगवान और मां गंगा से प्रार्थना करता हूं कि मुझे मेरे जीते जी एक दलित के बेटे को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के तौर पर देखने का अवसर मिले। हम इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम करेंगे। ” हरीश सिंह रावत ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आजीवन गाय के गोबर के कंडे बनाने वाली महिला के बेटे को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस पार्टी ने ना केवल पंजाब में बल्कि पूरे उत्तर भारत में इतिहास रचा है। उन्होंने एक दलित के बेटे को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी का धन्यवाद व्यक्त किया है। हरिद्वार के लक्सर में उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा वे उत्तराखंड में भी एक दलित को मुख्यमंत्री बनते हुए देखना चाहते हैं और उनकी पार्टी इस लक्ष्य को हासिल करने की ओर जोरों-शोरों से काम करेगी।
साभार – राज्य समीक्षा