भिकियासैंण। यहां भिकियासैंण तहसील मुख्यालय पर पैंशनर्स का धरना आज 41वें दिन में पहुंच गया है। परन्तु सरकार की ओर से अभी तक इस मामले में कोई पहल नहीं हुई है। जिसके कारण धरने में बैठे आन्दोलनकारियों की नाराज़गी साफ़ दिखाई दे रही है आन्दोलन स्थल पर दिन भर जमकर सरकार विरोधी नारे गूंजते रहे। और प्रेरणादायक जन गीतों से आसमान गुंजायमान हो गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज़ सल्ट विकासखंड के पैशनर्स ने धरना दिया। बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने अपने संबोधन में कहा कि, सरकार ने उत्तराखंड स्वास्थ्य प्राधिकरण नाम का एक भारी भरकम एनजीओ खड़ा कर पैंशन से जबरन की गई कटौती की राशि का बन्दर बांट कर रहा है उन्होंने सरकार से सवाल किया कि अप्रेल में हुए कुम्भ मेले के प्रचार प्रसार में लगभग ढाई करोड़ रुपये क्यों खर्च किए गए ? इससे प्राधिकरण को क्या लाभ मिला। उन्होंने आगे कहा प्राधिकरण के कार्यालय के लिए लगभयहां भिकियासैंण तहसील मुख्यालय पर पैंशनर्स का धरना आज 41वें दिन में पहुंच गया है। परन्तु सरकार की ओर से अभी तक इस मामले में कोई पहल नहीं हुई है। जिसके कारण धरने में बैठे आन्दोलनकारियों की नाराज़गी साफ़ दिखाई दे रही है आन्दोलन स्थल पर दिन भर जमकर सरकार विरोधी नारे गूंजते रहे। और प्रेरणादायक जन गीतों से आसमान गुंजायमान हो गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत आज़ सल्ट विकासखंड के पैशनर्स ने धरना दिया। बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के अध्यक्ष तुला सिंह तड़ियाल ने अपने संबोधन में कहा कि, सरकार ने उत्तराखंड स्वास्थ्य प्राधिकरण नाम का एक भारी भरकम एनजीओ खड़ा कर पैंशन से जबरन की गई कटौती की राशि का बन्दर बांट कर रहा है उन्होंने सरकार से सवाल किया कि अप्रेल में हुए कुम्भ मेले के प्रचार प्रसार में लगभग ढाई करोड़ रुपये क्यों खर्च किए गए ? इससे प्राधिकरण को क्या लाभ मिला। उन्होंने आगे कहा प्राधिकरण के कार्यालय के लिए लगभग चार करोड़ रुपये में पांच साल के लिए किसी कम्पनी से अनुबंध हुआ है इतनी धनराशि से तो कोई महल खरीदा जा सकता था उन्होंने आगे कहा शासनादेश में स्पस्ट लिखा है कि, पैंशनर्स को असीमित इलाज की सुविधा होगी लेकिन उसी शासनादेश में इसमें इलाज के लिए पैकेज दिया गया है उदाहरण के लिए आंखों के आपरेशन के लिए प्राधिकरण की ओर से सिर्फ साढ़े सात हजार रुपए मिलेंगे जबकि आंखों का आपरेशन तीस हजार से कम में नहीं हो पा रहा है ऐसे में यदि कोई शेष रूपए अपने जेब से भी खर्च करना चाहे तो ऐसी दशा में उससे गोल्डन कार्ड की सुविधा को छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि प्राधिकरण के सफल क्रियान्वयन के एक वर्ष पूर्ण होने पर उसकी एनिवर्सरी का आयोजन किया गया जिस पर लगभग साठ लाख रुपए खर्च किए गए। उन्होंने कहा सरकार ने यह प्राधिकरण पैंशनर्स के पैसों की लूट के लिए बनाया गया है। उन्होंने आगे कहा शासनादेश में त्रिस्तरीय स्तरीय शिकायत निवारण समिति बनाने का उल्लेख हुआ है परन्तु तीन साल बाद भी यह समिति अस्तित्व में नहीं है। अब हम गोल्डन कार्ड की विसंगतियों के लिए आन्दोलन नहीं कर रहे हैं बल्कि इस गोल्डन कार्ड की व्यवस्था को ही समाप्त कर देना चाहते हैं। और अरबों रुपए के इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं । बैठक को कुबेर सिंह कड़ाकोटी, पूर्व प्रमुख पुष्करपाल सिंह बिष्ट, यू डी सत्यबली, प्रवीण सिंह कड़ाकोटी, खीमानंद जोशी, पूर्व प्रधानाचार्य गंगा दत्त जोशी, देब सिंह घुगत्याल, शोबन सिंह मावड़ी, देबी दत्त लखचौरा, आनन्द प्रकाश लखचौरा, कुन्दन सिंह बिष्ट, इन्द्र सिंह रावत, जोगा सिंह भण्डारी, भुवनचंद पंत, हयात सिंह नेगी, किसन सिंह मेहता, मोहन सिंह नेगी, आदि लोगों ने सम्बोधित किया।ग चार करोड़ रुपये में पांच साल के लिए किसी कम्पनी से अनुबंध हुआ है इतनी धनराशि से तो कोई महल खरीदा जा सकता था उन्होंने आगे कहा शासनादेश में स्पस्ट लिखा है कि, पैंशनर्स को असीमित इलाज की सुविधा होगी लेकिन उसी शासनादेश में इसमें इलाज के लिए पैकेज दिया गया है उदाहरण के लिए आंखों के आपरेशन के लिए प्राधिकरण की ओर से सिर्फ साढ़े सात हजार रुपए मिलेंगे जबकि आंखों का आपरेशन तीस हजार से कम में नहीं हो पा रहा है ऐसे में यदि कोई शेष रूपए अपने जेब से भी खर्च करना चाहे तो ऐसी दशा में उससे गोल्डन कार्ड की सुविधा को छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि प्राधिकरण के सफल क्रियान्वयन के एक वर्ष पूर्ण होने पर उसकी एनिवर्सरी का आयोजन किया गया जिस पर लगभग साठ लाख रुपए खर्च किए गए। उन्होंने कहा सरकार ने यह प्राधिकरण पैंशनर्स के पैसों की लूट के लिए बनाया गया है। उन्होंने आगे कहा शासनादेश में त्रिस्तरीय स्तरीय शिकायत निवारण समिति बनाने का उल्लेख हुआ है परन्तु तीन साल बाद भी यह समिति अस्तित्व में नहीं है। अब हम गोल्डन कार्ड की विसंगतियों के लिए आन्दोलन नहीं कर रहे हैं बल्कि इस गोल्डन कार्ड की व्यवस्था को ही समाप्त कर देना चाहते हैं। और अरबों रुपए के इस घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं । बैठक को कुबेर सिंह कड़ाकोटी, पूर्व प्रमुख पुष्करपाल सिंह बिष्ट, यू डी सत्यबली, प्रवीण सिंह कड़ाकोटी, खीमानंद जोशी, पूर्व प्रधानाचार्य गंगा दत्त जोशी, देब सिंह घुगत्याल, शोबन सिंह मावड़ी, देबी दत्त लखचौरा, आनन्द प्रकाश लखचौरा, कुन्दन सिंह बिष्ट, इन्द्र सिंह रावत, जोगा सिंह भण्डारी, भुवनचंद पंत, हयात सिंह नेगी, किसन सिंह मेहता, मोहन सिंह नेगी, आदि लोगों ने सम्बोधित किया।