उत्तरकाशी। सरकार बेटियों को पढ़ाने के लिए…उन्हें आगे बढ़ाने के लिए तमाम कोशिशें कर रही हैं, लेकिन जब स्कूल में सुरक्षित माहौल ही नहीं होगा तो कोई अपनी बेटी को पढ़ने क्यों भेजेगा…मामला उत्तरकाशी का है, जहाँ नाबलिग छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में अदालत ने स्कूल के दो शिक्षकों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है. दोनों पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया है. साथ ही पुलिस ने दोनों दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. बता दें की यह मामला दिसंबर 2018 का है. राजकीय इंटर कॉलेज मुस्टिकसौड़ में इंटरमीडिएट की 11वीं की छात्राओं ने अपने अभिभावकों से शिकायत की थी कि जीव विज्ञान के प्रवक्ता सचिन डोढी निवासी मुख्य बाजार उत्तरकाशी व भौतिक विज्ञान के प्रवक्ता प्रदीप भंडारी निवासी जोशियाड़ा उत्तरकाशी उनसे छेड़छाड़ करते हैं. विरोध करने पर फेल करने की धमकी देते हैं।जिसके बाद अभिभावकों ने इसकी शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों को की. लेकिन, शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया. इस मामले की जानकारी पुलिस को भी नहीं दी, जिसके बाद दो छात्राओं के अभिभावकों ने कोतवाली में दोनों शिक्षकों के खिलाफ तहरीर दी. इस मामले में उत्तरकाशी कोतवाली पुलिस ने पोक्सो ऐक्ट में मुकदमा दर्ज किया था. उस समय आरोपितों की ओर से अभिभावकों और छात्राओं पर कई तरह का दबाव भी बनाया गया. बचपन बचाओ आंदोलन की दखल के बाद शिक्षा विभाग ने दोनों शिक्षकों को निलंबित कर पौड़ी मंडल मुख्यालय में अटैच किया. इस मामले में पुलिस ने 7 फरवरी 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया. शासकीय अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से छह छात्राओं सहित 15 गवाह और अन्य साक्ष्य पेश किए गए जिसके बाद बीते सोमवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद जिला कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने अभियुक्तों को दोषी पाते हुए उन्हें पांच-पांच साल के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गयी है।
साभार – राज्य समीक्षा