नानकमत्ता आज दिनांक 26 नवम्बर 2025 को महाराणा प्रताप राजकीय महाविद्यालय, नानकमत्ता में भारतीय संविधान निर्माण दिवस धूमधाम एवं गरिमापूर्ण वातावरण में मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वंदेमातरम् के सामूहिक गायन से किया गया।
मुख्य अतिथि का संबोधन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक डॉ. प्रेम सिंह राणा ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय संविधान न केवल शासन-व्यवस्था का आधार है, बल्कि यह राष्ट्र के लोकतांत्रिक चरित्र, सामाजिक न्याय और नागरिक स्वतंत्रता की आधारशिला भी है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण दिवस हमें संविधान सभा के सदस्यों के त्याग, चिंतन और दृष्टि को स्मरण करने का अवसर प्रदान करता है। डॉ. राणा ने युवाओं से आह्वान किया कि वे संविधान के मूल्यों—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व—को जीवन में उतारकर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएँ। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. अंजला दुर्गापाल ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान केवल एक विधिक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि यह भारतीय समाज की विविधताओं को एक सूत्र में पिरोने वाला सांस्कृतिक एवं नैतिक संकल्प है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों की यह जिम्मेदारी है कि वे विद्यार्थियों में संवैधानिक साक्षरता, उत्तरदायित्व एवं नागरिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता का विकास करें। प्रो. दुर्गापाल ने विद्यार्थियों को संविधान की प्रस्तावना पढ़ने और उसके आदर्शों को व्यवहार में अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग के प्रभारी डॉ. रवि जोशी ने कहा कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है, जिसका अध्ययन प्रत्येक छात्र के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने संविधान निर्माण की ऐतिहासिक प्रक्रिया, प्रारूप समिति के योगदान और भारतीय संविधान की मौलिक विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह विश्व के सर्वाधिक व्यापक और प्रगतिशील संविधानों में से एक है। डॉ. जोशी ने विद्यार्थियों को संविधान के अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों के पालन पर भी बल दिया। वरिष्ठ प्राध्यापकों के विचार कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. निवेदिता अवस्थी ने संविधान के सामाजिक आयामों पर चर्चा करते हुए कहा कि संविधान ने भारत में सामाजिक समानता, लैंगिक न्याय तथा समावेशी विकास को दिशा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से ही संविधान के आदर्शों को व्यापक समाज तक पहुँचाया जा सकता है। इस अवसर पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. ममता सुयाल ने कहा कि संविधान भारतीय नागरिकों को अधिकारों के साथ-साथ एक मजबूत नैतिक ढांचा भी प्रदान करता है। उन्होंने विद्यार्थियों को लोकतांत्रिक मूल्यों के संरक्षण, सामाजिक सद्भाव तथा संवैधानिक मर्यादाओं के पालन हेतु प्रेरित किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर अंजला, वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. मृत्युंजय शर्मा, डॉ. निवेदिता अवस्थी, डॉ. ममता सुयाल, डॉ. चंपा टम्टा, डॉ. उमेश जोशी, डॉ. स्वाति लोहनी, डॉ. मंजुलता जोशी, डॉ ललित सिंह बिष्ट, डॉ. रवि जोश, डॉ शशि प्रकाश सिंह, डॉ. निशा परवीन, डॉ. मीनाक्षी, डॉ. निशा आर्या, डॉ. आशा गढ़िया, महेश कन्याल, राम जगदीश सिंह, विपिन थापा, सुनील कुमार तथा संतोष चन्द, युवराज सिंह, बेअंत कौर, सहित महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, कार्मिक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रवि जोशी द्वारा किया गया।

