
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा के पूर्व विधायक मनोज तिवारी ने कहा कि विगत सप्ताह हुई अतिवृष्टि/दैवीय आपदा से अल्मोड़ा विधानसभा के अर्न्तगत कई क्षेत्रों में लोगों के आवासीय घरों में भू धसाव एवं भूस्खलन हुआ है।जहां एक ओर घरों के आगे आंगन धंस चुके हैं वहीं दूसरी ओर पीछे दीवारों की साईड से धसाव होने पर मकानों में दरारें आ गयी हैं।इसके साथ ही लोगों के खेतों की दीवारें गिर जाने से उन्हें अत्यधिक नुकसान हुआ है।उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी चिन्ता की बात यह है कि प्रशासन इनके दैवीय आपदा के मानकों में ना आने की बात कहकर अपना पल्ला झ़ाड रहा है।उन्होंने सरकार से मांग की है कि दैवीय आपदा के मानकों में सरकार संशोधन कर लोगों को ऐसे संकट के समय में राहत देने का काम करे।श्री तिवारी ने कहा कि जनता को इस अतिवृष्टि में आंगन,दीवारों आदि में जो भी नुकसान हुआ है उन सभी का मुआवजा दिया जाए।उन्होंने लगातार विधानसभा का भ्रमण कर दैवीय आपदा से प्रभावित परिवारों को ढाढ़स बधाया।श्री तिवारी ने कहा कि कई जगहों में कई लोगों के घरों के आगे पीछे भूस्खलन से भारी क्षति हुई है।उन्होनें कहा कि अनेकों आवासीय भवनों में काफी दरारे आ गयी हैं तथा घरों के आंगन धंस गये हैं।ऐसे सभी मकानों को दैवीय आपदा के मानकों में लेकर पूरा मुआवजा दिलाया जाए।श्री तिवारी ने कहा कि आपदा मद यदि इस समय जनता के काम नहीं आयेगा एवं जनता को इसका लाभ नहीं मिल पायेगा तो इसका फायदा ही क्या?उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल आपदा के नियमों में शिथिलता दे एवं जिन लोगों के मकानों में भारी दरारें पड़ी हैं,आंग धंस गये हैं एवं घरों की दीवारें टूट गयी हैं उनका आंकलन कर जनता को उसका पूरा हर्जाना उपलब्ध करवाये।उन्होंने कहा कि तत्काल में लोगों को राहत देने के लिए प्रदेश सरकार को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष का भी इस्तेमाल करना चाहिए।उन्होंने कहा कि वे इस संकट की घड़ी में पूरी विधानसभा की जनता के साथ मजबूती से खड़े हैं तथा जनता की समस्याओं के लिए लगातार संघर्षरत रहेंगें।उन्होंने कहा कि इस अतिवृष्टि/आपदा में प्रदेश सरकार जनता को राहत देने में पूरी तरह असफल साबित हुई है।