देहरादून। आडिट विभाग में लेखा परीक्षा अधिकारी के रिक्त 04 पद पदोन्नति के हैं या सीधी भर्ती के , इसको लेकर विवाद चरम पर है । जहां एक ओर आडिट निदेशालय ने इन पदों को पदोन्नति का पद मानने से साफ इन्कार कर दिया है वहीं इन पदों पर पदोन्नति की आस लगाए 11 दिन बाद रिटायर होने वाले सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी रमेश चंद्र पाण्डे ने निदेशालय के उत्तर को सिरे से खारिज करते हुए दावा किया है कि ये पद पदोन्नति के हैं । अपने दावे के पक्ष में ठोस तर्क के साथ निदेशक आडिट को भेजे पत्र में उन्होंने सवाल उठाया है कि यदि ये पद पदोन्नति के नहीं हैं तो अब तक सीधी भर्ती का अधियाचन क्यों नहीं भेजा गया ? सहायक लेखा परीक्षा अधिकारी के पद पर तैनात उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने इन पदों को लेकर उत्पन्न सस्पेंस की स्थिति को तत्काल समाप्त करते हुए कार्मिकों की पदोन्नति की आस को फलीभूत करने की अपेक्षा की है ।
वित्त विभाग के नियन्त्रणाधीन आडिट विभाग सूबे के मुख्यमंत्री के पास है । 9 नवम्बर को जारी शासनादेश में सरकार की ओर से सभी विभागों में पदोन्नति के पदों को भरने के लिए 15 दिन की समय-सीमा तय की है ।
गौरतलब है कि जून 2015 से इस विभाग में बेवजह पदोन्नति के मामले लटके होने से दर्जनों कार्मिक पद रिक्त होते हुए भी वगैर पदोन्नति के ही रिटायर हो चुके हैं । गत वर्ष फरवरी 20 में लेखा परीक्षा अधिकारी के एक पद पर पदोन्नति का आदेश शासन और निदेशालय स्तर पर 10 माह तक दबे रहने के बाद सम्बन्धित अधिकारी को आरटीआई लगाने पर मिला । सुर्खियों में रहे इस मामले से अफसरों की मंशा पहले ही साफ हो गई थी । 22 साल से उप निदेशक के पद पर तैनात एक अधिकारी के संयुक्त निदेशक के पद पर पदोन्नति के प्रस्ताव को शासन द्वारा एकीकरण के तहत नई ज्येष्ठता सूची जारी होने तक होल्ड (प्रतीक्षा) में रखा है जबकि यह सूची दो साल से शासन स्तर पर ही लम्बित है । ज्येष्ठता सूची जारी नहीं होने से उप निदेशक व संयुक्त निदेशक के ऊपर के कुल 06 पदों पर पदोन्नति लटकी है ।
उत्तराखंड लेखा परीक्षा सेवा संघ के अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे का कहना है कि विभाग ने यूपी कैडर के कार्मिकों को प्रमोशन देने के लिए तो सारी व्यवस्थाओं को ओवरटेक कर दिया लेकिन राज्य प्राप्ति के लिए संघर्ष करने वाले उत्तराखंड कैडर के कार्मिकों की पदोन्नति के मामले में पद रिक्त होते हुए भी जिस तरह पद रिक्त होने से इन्कार कर उनकी पदोन्नति की आस पर तुषारापात कर दिया है वह अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है । कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने इस विभाग में लम्बित ऐसे प्रकरणों को तलब कर लें तो राजकाज की वास्तविकता स्वत: उनके सामने आ जायेगी । ऐसे मामलों में जवाबदेही को जरुरी बताते हुए श्री पाण्डे का कहना है कि ऐसे मामलों से ही हड़ताल की स्थिति उत्पन्न होती है और सरकार की छवि भी धूमिल होती है ।
11 दिन बाद सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारी ने आडिट आफिसर के रिक्त 04 पदों के पदोन्नति के होने के पक्ष में निदेशक को भेजा पत्र