अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा के कुलपति प्रो नरेंद्र सिंह भंडारी के प्रसासों के फलस्वरूप विश्वविद्यालय में शैक्षणिक एवं अकादेमिक गतिविधियों को निरन्तर गति मिल रही है। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति प्रो. भंडारी द्वारा विश्वविद्यालय में स्थापित हरेला पीठ को यूसर्क द्वारा विभिन्न गतिविधियों के संचालन के लिए 5 लाख रुपये स्वीकृत किये गए हैं।
कुलपति जी के प्रयासों के फलस्वरूप विश्वविद्यालय में स्थापित हरेला पीठ पर्यावरण संरक्षण, जल संवर्धन, परंपरागत जल स्रोत नौला के पुनरुद्धार, उत्तराखंड के त्योहारों, उत्सवों के संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है। इस संबंध में कुलपति प्रो भंडारी द्वारा बताया गया कि हरेला पीठ पहाड़ के परंपरागत वनस्पतियों के संवर्द्धन, औषधीय वनस्पतियों की नर्सरी बनाने, कृषि के विकास को लेकर कौशल विकास प्रशिक्षण दिए जाने, टिशू कल्चर में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिए जाने, पहाड़ के त्यौहारों के दस्तावेजीकरण, जनजागरूकता हेतु कार्यक्रम संचालित कर वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करने को लेकर कार्य करेगा।
इसके साथ ही विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के लिए 29 करोड़ की धनराशि स्वीकृत हो चुकी है और प्रशासनिक भवन बनाने के लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। शीघ्र ही प्रशासनिक भवन बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय,बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ परिसरों को विश्वविद्यालय के अधीन लाने के लिए जोर-शोर से प्रयास किये जा रहे हैं। शीघ्र ही यह परिसर रूप में विश्वविद्यालय के अधीन कार्य करेंगे। यहां के संरचनात्मक, शैक्षणिक विकास आदि के लिए भी गंभीरता से प्रयास हो रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि विश्वविद्यालय की बोर्ड ऑफ स्टडीज, फैकल्टी बोर्ड एवं कार्य परिषद का गठन हो चुका है। शीघ्र ही कार्य परिषद की बैठक आयोजित की जाएगी। विश्वविद्यालय में नवीन पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए हम प्रयासरत हैं। हम परंपरागत ज्ञान के संवर्धन के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण, नदियों की स्वच्छता को लेकर जनजागरूकता कार्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने दर्जनों गांवों को गोद लिया है। ग्रामों में विधिक जागरूकता कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय द्वारा अन्तरमहाविद्यालयी (पुरुष-महिला) खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन महाविद्यालयों में किया जा रहा है। बॉलीबॉल, बॉक्सिंग आदि प्रतियोगिताओं का संचालन हो चुका है और अभी अन्य महाविद्यालयों में खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। पहाड़ के युवाओं को खेल के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने के लिए खेल प्रतियोगिता आयोजित करवाकर राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के लिए हम तैयार कर रहे हैं। यहां के बालक-बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में भविष्य बनाने के लिए क्रीड़ा विभाग विभिन्न जनपदों में खेल प्रतियोगिताएं आयोजित कर रहा है।