
अल्मोड़ा। आज दिनांक 30 दिसंबर 2021 को सोबन सिंह जीना परिसर अल्मोड़ा के शिक्षा संकाय में चल रहे सात दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजया रानी ढौंडियाल व कार्यक्रम समन्वयक प्रोफेसर संगीता पवार मुख्य अतिथि रहीं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विजयारानी धौंडियाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बच्चों को करके सिखाने की शिक्षा हमें देनी चाहिए अर्थात प्रयोगात्मक रूप में बच्चों का मानसिक विकास किया जा सकता है इसलिए शिक्षक को प्रयोगात्मक रूप से बच्चों को पढ़ाना चाहिए जिससे विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमता का विकास उत्पन्न हो सके। प्रोफेसर संगीता पवार ने अपने विचार रखते हुए कहा कि विद्यार्थियों में योग्यता व गुणों के अनुरूप समूह निर्माण किया जाना चाहिए जिससे उनमें सामूहिक कार्य क्षमता का विकास हो सके और विद्यार्थियों समाज में अपने को समायोजित कर सके सामूहिक कार्य करने से विद्यार्थीयों में सामाजिक गुणों का विकास होता है डॉ सरिता पांडे ने सर्जनात्मक एवं समालोचनात्मक सोच पर अपने विचार रखते हुए कहा कि एक शिक्षक में वह सभी गुण होने चाहिए जिससे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास किया जा सके और विद्यार्थियों में सृजनात्मक क्षमता का विकास किया जा सकें अंत में M.Ed के छात्र-छात्राओं द्वारा समूह गतिविधियों के अंतर्गत आपसी संघर्ष एवं विभिन्न व्यवहारों का प्रदर्शन करते हुए नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किये गए कार्यशाला में मंजूषा पूजा रिंकी मनदीप कुमार हरीश कुमार सहित विभाग के सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।