बागेश्वर। आज दिनांक 17अगस्त को राजस्थान के जालौन के सुराणा गाँव के कक्षा9 के छात्र इन्द्र कुमार मेघवाल की उसके शिक्षक द्वारा घड़े से पानी पिने पर पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी इस जघन्य अपराध के दोषी शिक्षक को कठोर सजा देने के लिए अम्बेडकर जयंती समारोह समिति बागेश्वर द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भेजा गया है ज्ञापन में कहा गया है कि 13 अगस्त 2022 को जब पूरे देश में उत्साह और उमंग के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा था, उसी समय देश के बढ़े राज्य राजस्थान के जिला जालौर के सुराणा गांव से एक निजी स्कूल सरस्वती विद्या मंदिर सुराणा में कक्षा 3 के नौ वर्षीय छात्र इंद्र कुमार मेघवाल की अपने ही स्कूल में घड़े से पानी पीने पर जातिगत अस्पृश्यता के चलते स्कूल के ही शिक्षक एवं संचालक छैल सिंह के द्वारा बेरहमी से पिटाई के बाद दुखद मृत्यु हो गयी थी.जिससे आजादी का यह अमृत महोत्सव मृतक इंद्र कुमार के परिजन व उसके संपूर्ण समाज के लिए विषैले विषाद में बदल गया.
इस प्रकार से देश का एक नौ वर्षीय मासूम देश के हिंदू समाज में सदियों से व्याप्त घृणित जातीय भेदभाव व छुआछूत की घृणित मानसिक व सामाजिक व्यवस्था का शिकार हो गया. मीडिया के माध्यम से प्राप्त इस दिल दहला देने वाली अमानवीय घटना से पूरे देश का अनुसूचित जाति समाज स्तब्ध है. इस घृणित कृत्य की घोर निंदा करते हुए मांग करता है कि, इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाते हुए दोषी के प्रति कठोर कानूनी कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवार व समाज को त्वरित न्याय प्रदान किया जाए, मृतक के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपए की तात्कालिक आर्थिक सहायता प्रदान की जाय, मृतक के परिवार को तत्काल सरकारी नौकरी प्रदान की जाय.
महोदय, देशभर से समय-समय पर जातीय भेदभाव व अस्पृश्यता को लेकर इस प्रकार की हिंसक घटनाएं सामने आती रहती हैं. कभी दलितों के पानी पीने को लेकर ,कभी मूछें रखने को लेकर, कभी घोड़े में चढ़ने पर, कभी कुओं से पानी लेने पर, कभी मंदिरों में प्रवेश को लेकर,तो कभी स्कूलों में भोजन माताओं के बहिष्कार को लेकर देशभर में अनुसूचित जाति के समाज के साथ जातिगत भेदभाव व हिंसा की दुखद घटनाएं होती रहती हैं. यह बात राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो के आंकड़े भी बताते हैं कि दलित समुदायों के खिलाफ अपराध के मामलों में वर्ष 2020 में विगत 3 वर्षों के अपेक्षा क्रमश अनुसूचित जाति के प्रति 17.5 फ़ीसदी व अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रति 26.71 फीसदी अपराधों में वृद्धि हुई है.
देश की आजादी के 75 वर्ष बाद व देश के संविधान में इसकी समाप्ति की घोषणा के बाद भी यह व्यवस्था पारंपरिक सामाज में इतने लम्बे समय बाद आज भी व्याप्त है. इसकी रोकथाम के लिए देश भर में चलाए जा रहे अन्य अभियानों की तरह इस घृणित मानसिकता वाली व्यवस्था के प्रति भी विधिक,सामाजिक जागरूकता व शपथ के माध्यम से राष्ट्रीय अभियान चलाए जाने की नितांत आवश्यकता है. जिससे कि भविष्य में इस प्रकार की अमानवीय जातीय हिंसा व अपराधिक घटनाओं को रोका जा सके.
अतः आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करते हैं देश के अनुसूचित जाति समाज के प्रति जातिगत भेदभाव की पीड़ा व उसकी भावनाओं को समझते हुए राजस्थान के सुराणा गांव की घटना का शीघ्र ही संज्ञान लेते हुए एवं ज्ञापन की मांगों का संज्ञान लेते हुए, भविष्य में देश की इस सामाजिक व मानसिक बीमारी को खत्म करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक व कानूनी जागरूकता अभियान के साथ ही उचित कदम उठाए जाने की कृपा कीजिएगा. ज्ञापन की प्रतिलिपि –
1- श्री अशोक गहलोत जी , माननीय मुख्यमंत्री, राजस्थान सरकार, जयपुर
2- माननीय अध्यक्ष, अनुसूचित जाति आयोग, नई दिल्ली को भेजी गई है,
ज्ञापन देने वालों में संजय कुमार टम्टा अध्यक्ष अम्बेडकर जयंती समारोह समिति बागेश्वर, नरेंद्र आर्या प्रदेश अध्यक्ष अम्बेडकर जनजागृति समिति उत्तराखण्ड, गिरीश धौनी, संजय टम्टा, रमेश राम , गोविन्द प्रसाद आगरी, जगमोहन आगरी उपस्थित रहे