भिकियासैंण(अल्मोड़ा) दिनांक 7 सितंबर 2022 को मूलनिवासी संघ अल्मोड़ा के आह्वान पर शिल्पकार सेवा समिति ,मूलनिवासी विद्यार्थी संघ ,शिल्पकार सभा खरेही बागेश्वर ,सहित अनुसूचित जाति समाज से जुड़ी विभिन्न संगठनों ने संयुक्त रूप से भिकियासैंण नगर के गगास पुल से जगदीश चंद्र के हत्या आरोपियों को फांसी की मांग को लेकर जन आक्रोश रैली निकाली गई और उसके बाद तहसील परिसर में एक सभा का आयोजन किया गया। सभा में वक्ताओं ने अनुसूचित जाति समाज के लोगों पर दिनों दिन हो रही जाति हिंसा पर भारी चिंता जताते हुए इस समाज के लिए खतरा बताया गया साथ ही जगदीश चंद्र गीता के अंतर जाति विवाह के बाद तथाकथित उच्च जाति परिवार ने जिस बर्बरता पूर्वक जगदीश की हत्या की है उससे पूरा अनुसूचित जाति समाज स्तंभ है यदि पुलिस प्रशासन विवाह के बाद दंपत्ति द्वारा जान के खतरे की तहरीर पर समय रहते हुए कार्रवाई करती तो इस हादसे को टाला जा सकता था वक्ताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र हत्याकांड की फास्ट ट्रैक कोर्ट से सुनवाई नहीं हुई तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जाएगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखण्ड राज्य के शासन प्रशासन की रहेगी सभा के बाद उप जिलाधिकारी शिप्रा जोशी पांडे के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति व राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में कहा गया कि 21 अगस्त 2022 को जगदीश चंद्र निवासी ग्राम पनवाद्योखन तहसील भिकियासैंण जिला अल्मोड़ा ने इसी क्षेत्र के सर्वण समाज की लड़की गीता द्वारा स्वेच्छा से मंदिर में हिंदी रीति रिवाज के साथ अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था। गीता के सौतेले पिता जोगा सिंह व सौतेले भाई गोविंद सिंह द्वारा इसे अपनी जाति अस्मिता पर चोट समझते हुए 1 सितंबर 2022 को भिकियासैंण
में से जगदीश का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई मृतक की पत्नी गीता द्वारा अपने सौतेले पिता और भाई द्वारा जान से मारने की धमकी की सूचना 27 अगस्त को वरिष्ठ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा को दी गई थी लेकिन इसे गंभीरता से नहीं लिया गया जबकि इसी क्षेत्र में 1980 में कफल्टा गांव में सवर्णों द्वारा 14 अनुसूचित जाति के लोगों को एक ही घर में बंद कर जिंदा जला दिया गया था। कुछ माह पूर्व ही यहां पर अनुसूचित जाति के दूल्हे को जबरन घोड़ी से उतारने की घटना सामने आई थी जाति हिंसा व नफरत की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र होने के बाद भी पुलिस प्रशासन द्वारा इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया गया परिणाम स्वरूप। जगदीश की हत्या कर दी गई इस घटना से जगदीश के परिजन व गांव वासी दहशत में है व देश प्रदेश के अनुसूचित जाति समाज के लोग भी इस घटना से स्तब्ध है इस कारण हम क्षेत्र में जन आक्रोश रैली निकालकर जगदीश को न्याय की मांग कर रहे हैं। ज्ञापन में मुख्यतः तीन मांगों को रखा गया है। जिसमें हत्याकांड से संबंधित गांव पनवाद्योखन के लोगों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान करते हुए दोषियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से कार्रवाई की जाए वह मृतक जगदीश के परिवार को 50लाख का मुआवजा दिया जाए वह मृतक के परिजन को तत्काल सरकारी नौकरी प्रदान की जाए साथ ही सभी मांगों पर अमल करते हुए भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोके जाने हेतु राज्य सरकार की ओर से उचित प्रभावशाली पहल की जाए! ज्ञापन भेजने वालों में मूलनिवासी संघ अध्यक्ष प्यारेलाल ,पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक के उत्तराखण्ड राज्य अध्यक्ष एडवोकेट डॉ प्रमोद कुमार, शिल्पकार सेवा समिति अध्यक्ष धनीराम टम्टा, शिल्पकार सभा खरेही से संजय कुमार टम्टा , भूपेंद्र प्रसाद टम्टा ,भवानी राम, एसआर आर्य, नरेश शिल्पकार ,एडवोकेट मोहन कोहली एडवोकेट भोला शंकर जय प्रकाश, जय किशन, नंद कुमार, धीरज कुमार, पूरन चंद्र ,प्रताप आर्य ,कृष्ण कुमार, नंदी देवी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे!