नागपुर दिनांक 28 और 29 अगस्त 2021 को राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले सामाजिक क्रांति संस्थान नागपुर में नॅशनल मूव्हमेन्ट ऑफ मूलनिवासी ऑर्गनाइजेशन्स के तत्वावधान में मूलनिवासी बहुजन आंदोलन मजबूत करने के उद्देश्य से देशभर में कार्यरत बहुजन संगठनों को आपस में जोड़ने के लिए तथा आपसी सहयोग से कार्य करने हेतु बुलाई गई एक महत्त्वपूर्ण परिषद संपन्न हुई। इस परिषद की अध्यक्षता एन गंगाधर इन्होंने एवं उद्घाटन जी. मोहन गोपाल इन्होंने की। इस परिषद में देशभर के 43 संगठनों के 80 प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बहुजन समाज हजारों जातियों में बटां होने के कारण इसका लाभ प्रस्थापित ब्राम्हणी व्यवस्था को हो रही है। ऐसा एहसास वर्तमान में बड़ी मात्रा में लोगों को हो रहा है। इस व्यवस्था से लड़नेवाले बहुजन संगठन अनेक गुटों में कार्यरत हैं। यह संगठन विभिन्न समस्याओें पर कार्यरत होने के बावजूद कुछ सामान्य समस्याओं पर एकसाथ कार्य करने की जरूरत है। ऐसी भावनात्मक पुकार समाज से उठ रही थी। समाज की इसी भावना को समझते हुए इस परिषद का आयोजन किया गया था। जिसमें विविध राज्यों से प्रतिनिधि उपस्थित हुए। दो दिन लगातार चल रही इस परिषद में आंदोलन की विविध समस्याओं पर गंभीर चिंतन किया गया। *चर्चा के अंत में एक राष्ट्रीय समिति की स्थापना की गई। इस समिति के अध्यक्ष मा. एन. गंगाधर एवं महासचिव रमेश कटके इन्हें चुना गया। इस समिति में ओ. पी. मौर्य, ताराराम मेहना, डी. एन. सिंग, एम. एल. अंभोरे, उमेशचंद्र गोंड, गुलजार सिंग मरकाम, ऍड. संजय पाटील, अमोल हाडके, दयाराम, सुधिर राज सिंग, आर. बी. साहु, धम्मा कांबले, सुरेश द्रविड़, महादेव कांबले सहभागी है।*
इस आंदोलन में सहभागी संगठन चार महीनों के भीतर 350 जिलों में गांव स्तर पर पांच बिंदु कार्यक्रम पर समाज के विभिन्न संगठनों को अपने साथ जोड़ने का कार्य करेंगे। प्रथम चरण में भारत के संविधान को लेकर लोगों को शिक्षित करने और प्रचार प्रसार करने की घोषणा की गई।
इस परिषद में *स्वाधीन भारत, हम भारत के लोग, सेवा (BSNL) मराठा सेवा संघ, अर्जक संघ, भारतिय बौद्ध महासभा- दिल्ली, बुद्धिस्ट रिवाइवल चेरिटेबल ट्रस्ट- मुंबई, ऑल इंडिया सिद्धार्थ वेलफेयर सेन्टर, बहुजन सोशल फ्रंट, वि द पीपल, ओबीसी सेवा संघ, गोंडवाना समग्र क्रांति, भारतीय भीम सेना, मूलनिवासी सभ्यता संघ, कास्ट ट्राईब, आभास महासंघ, फ्रंटलाइन फाउंडेशन, बहुजन समाज मोर्चा, संभाजी ब्रिगेड, बामसेफ, रामावतार एकलव्य, लेबर पार्टी आफ इंडिया, राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ, बहुजन सोशल फ्रंट, मूलनिवासी मुक्ति मंच, भीमज्योति चॅरिटेबल ट्रस्ट, प्रजासत्ताक शिक्षक कर्मचारी संघ, आदिवासी पीपल्स फ़ेडरेशन, ग्राम गणराज्य पार्टी, सत्य शोधक समाज, मूलनिवासी संघ, पीपल्स पार्टी आफ इंडिया डेमोक्रेटिक, बामसेफ पब्लिकेशन ट्रस्ट, मूलनिवासी विद्यार्थी संघ* आदि संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।