कैथल हरियाणा आज दिनांक 25/02/2024 को जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल द्वारा जारी धरना आज 517 वें दिन भी जारी रहा, धरने की अध्यक्षता ईश्वर चंदाना ने की, उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन अपना नैतिक धर्म निभाएं और जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के मांग मुद्दों का समाधान करें, उन्होंने यह भी कहा कि बीते कल मुख्यमंत्री और उनकी टीम कैथल पहुंची थी लेकिन कल जन शिक्षा अधिकार मंच कैथल के प्रतिनिधिमंडल को नहीं बुलाया गया, ऐसा न करके जिला प्रशासन ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी से किनारा ही किया है, नैतिक जिम्मेदारी और दायित्वों के बिना जिला प्रशासन की साख ही गिरेगी, हवा सिंह बूरा ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री जनता से सुसंवाद करें,हम जनसंवाद के साथ साथ सुसंवाद चाहते है, जिसके लिए संदेश, सम्पर्क और संवाद की आवश्यकता होती है, अच्छा जनसंवाद तभी सार्थक हो सकता है जब दोनों पक्ष एक दूसरे को सुने, जनसंवाद लोकतंत्र में समस्याओं को समझने,सुनने, सुलझाने का अच्छा तरीका है, लेकिन इसमें पूर्ण रूप से ईमानदारी हो, यदि एक पक्ष भी ईमानदार नहीं हैं तो संदेश, सम्पर्क, संवाद बिगड़ने का खतरा बना रहता है। जन शिक्षा अधिकार मंच के संयोजक जयप्रकाश शास्त्री ने कहा कि हम हरियाणा के मुख्यमंत्री से सुसंवाद चाहते थे, कि हमारे साथ सुसंवाद किया जाए,लेकिन मौजूदा सरकार के मुखिया और उसके प्रतिनिधि जनसंवाद से भाग रहे है और लोकतांत्रिक मूल्यों को दरकिनार करके अपनी मनमर्जी करके तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं। जन शिक्षा अधिकार मंच के प्रैस प्रवक्ता सुरेश द्रविड़ ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अब भारत से भारत सरकार गायब हो गई है और विभिन्न बोर्डों,बस स्टैंडों पर प्रचार प्रसार के लिए तथा विभिन्न अखबारों, समाचार पत्रों में मोदी सरकार के नाम से प्रचार प्रसार किया जा रहा, जो कि एक तानाशाही का ही रुप है क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री भारत सरकार के प्रधानमंत्री है न कि मोदी सरकार के, इसके बारे में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोचना चाहिए और देश की जनता को जवाब देना चाहिए,चुनाव नजदीक है और चुनावों के नजदीक इस प्रकार के प्रचार प्रसार के तरीके किसी भी प्रकार से उचित नहीं है बल्कि ये मनमर्जी का एक रूप है और एक संवैधानिक और लोकतांत्रिक सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। धरने पर आज बलवंत जाटान, रामशरण राविश, ओमपाल भाल, मामचंद खेड़ी सिम्बल, रणधीर ढुंढ़वा, वीरभान हाबड़ी, हजूर सिंह, मियां सिंह, रामकला, रामदिया, सुखपाल आदि भी उपस्थित थे।