दिल्ली कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के राष्ट्रीय समन्वयक उत्तराखण्ड हिमाचल असम त्रिपुरा के प्रभारी रहे पूर्व केन्द्र मंत्री प्रोफेसर बी पी मौर्य के पुत्र ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खर्गे को अपना त्याग पत्र देते हुए कहा है कि मल्लिकार्जुन खर्गे, अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आपको कांग्रेस पार्टी से त्यागपत्र भेजते हुए मुझे बहुत दुख हो रहा है। मैं अपने पिता परिनिर्वृत प्रोफेसर बी. पी. मौर्य के साथ 1989 से पार्टी के लिए काम कर रहा था जोकि भारत के एक क्रांतिकारी राष्ट्रीय नेता थे। उन्होंने केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस पार्टी के एआईसीसी (आई) के राष्ट्रीय महासचिव के रूप में राष्ट्र तथा पार्टी की सेवा करी। उन्होंने अपना जीवन परम् पूज्य बाबा साहब डॉ. बी.आर. अम्बेडकर के मिशन के लिए समर्पित कर दिया। 2004 में उनके दुखद निधन के बाद, मैंने अपने राजनीतिक परिवार की विरासत को जारी रखा और जनवरी 2006 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गया। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष तत्कालीन नेताओं, जैसे सोनिया गांधी, अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी सत्यव्रत चतुर्वेदी, राष्ट्रीय महासचिव, प्रभारी यूपी, यूपीसीसी के अध्यक्ष सलमान खुर्शीद ने मेरे कांग्रेस पार्टी में शामिल होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैंने पार्टी के लिए काम करने की कोशिश की और इस प्रयास में, मैं नियमित रूप से आपके साथ-साथ पार्टी के अन्य शीर्ष नेताओ, राहुल गाँधी सहित अन्य शीर्ष नेताओं के संपर्क में था तथा समय-समय पर विभिन्न मुद्दों पर राजनीतिक चर्चा हुईं। मैंने एस. सी. विभाग में राष्ट्रीय समन्वयक के रूप में पूरी निष्ठा से सन् 2017 से 2022 तक हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा में प्रभारी के रूप में कार्य किया ( जबकि यह पद/ पोस्ट मेरे और मेरे परिवार के राजनीतिक कद के अनुरूप नहीं थी )। लेकिन मुझे आश्चर्य है कि अब पार्टी के पास मेरे और मौर्य परिवार के खिलाफ कुछ अन्य योजनाएं और साजिशें हैं। मुझे यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि मेरे साथ विश्वासघात किया गया है और पीठ में छुरा घोंपा गया है। अब मेरे पास कांग्रेस पार्टी में अपनी घुटन और अपमान को समझाने के लिए शब्द नहीं हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ मेरा 35 वर्षों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष जुड़ाव अब दुःस्वप्न और कैद जैसा है। मैं तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा देता हूं।