देहरादून अद्वितीय सामंजस्य पुस्तक का विमोचन करते हुए मुख्य अतिथि भारत रत्न डॉक्टर बी आर अंबेडकर के पौत्र डॉ भीमराव यशवंत राव अंबेडकर ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में एक दूसरे के साथ सामंजस्य स्थापित करना एक चुनौती होता है उन्होंने कहा कि जिस तरह से गौतम बुद्ध ने चार आर्य सत्य बताए हैं इस प्रकार इस पुस्तक में भी सीखने के चार कारण बताए गए हैं जिसमें सामंजस्य करते हुए बेहतरीन जीवन जिन सबसे महत्वपूर्ण कारण है पुस्तक के प्रकाशन के लिए उन्होंने डॉ बुटोइया को बहुत-बहुत बधाई दी एवं अद्वितीय पुस्तक के विमोचन की घोषणा करते हैं, ऐसा कहा। उन्होंने सलोनी गौतम को भी बुके एवं सोल ओढ़ कर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने कहा कि वीक ले भारत का संविधान समर्थक समाज जोड़ो अभियान के अंतर्गत हरिद्वार में आयोजित होने वाले विशाल बौद्ध धर्म सम्मेलन को संबोधित करने के लिए उत्तराखंड आए हैं। इस अवसर पर सलोनी गौतम ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ इतिहास एवं वातावरण पर भी ध्यान केंद्रित करते हुए अन्य क्रियाकलापों पर भी ध्यान देते हुए हम अध्ययन को और अधिक रुचिकर बना सकते हैं जिससे सामंजस्य स्थापित करते हुए हम बेहतरीन दिशा में उद्देश्य प्राप्ति के लिए बढ़ाते हैं। इस अवसर पर महाराष्ट्र से आए विशिष्ट अतिथि एस के भंडारे एवं वसंत पराड, सहित प्रोफेसर जयपाल सिंह डॉक्टर एस अंसारी दिलीप चंद आर्य, रघुनाथ लाल आर्य, आशा टम्टा, भंते विनय रत्न पूर्व न्यायाधीश चिरंजीलाल मनोहर लाल जयपाल सिंह बद्रीपुर वाले शिवलाल गौतम भूपेंद्र सिंह राजाराम हरिचंद निमेष राजपाल सिंह पवन कुमार सुशील कुमार बी पी सिंह जाहिद हुसैन, आराधना, दीपक कनौजिया, तारा देवी , विशाल बिरला, रोहित कुमार, चंद्रसेन, राजेंद्र सिंह, डॉ चंद्र लाल भारती, चंद्रशेखर, रामू राजोरिया चंद्रपाल सिंह, रमेश चंद, प्रीतम सिंह कुलवंशी, जय सिंह, रामबाबू विमल, आर के चौधरी शिवलाल गौतम बलदेव शाह संदीप गौतम आदि सैकड़ो गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

