देहरादून। उत्तराखंड में भू कानून का मुद्दा बेहद गर्माया हुआ है और यह पूरा मुद्दा अब आंदोलन का रूप ले रहा है। जी हां, उत्तराखंड में लोग सरकार से सख्त कानून राज्य में लागू करने की मांग कर रहे हैं। उत्तराखंड में सख्त भू कानून की मांग को लेकर भी कानून संघर्ष मोर्चा ने शहीद स्मारक पर बैठने का आयोजन किया है और उन्होंने सरकार को यह चेतावनी दी है कि अगर सरकार भू- कानून लागू नहीं करेगी तो जल्द ही प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा। आने वाली 30 अक्टूबर को बड़े पैमाने पर सरकार को चेताने के लिए गांधी पार्क पर बड़ा धरना दिया जाएगा और अगर सरकार ने जनता की मांग नहीं सुनी तो उत्तराखंड में उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी गई है।उत्तराखंड महिला मंच की संयोजक निर्मला बिष्ट और राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि कानून संघर्ष मोर्चा अब चुप नहीं बैठेगा। सरकार को उनकी बात सुननी ही पड़ेगी। शीघ्र ही सरकार द्वारा गठित भू-कानून समिति को सुझावों के साथ मांग पत्र प्रेषित करेगा। जयदीप सकलानी और गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन धस्माना ने कहा कि राज्य आंदोलन की तर्ज पर ही भू कानून आंदोलन किया जाएगा। अगर यह लागू नहीं होता है तो उत्तराखंड में उग्र आंदोलन होगा।राज्य बनने के 21 वर्षों बाद भी यही हाल है। भाजपा से लेकर कांग्रेस कोई भी सरकार इस कानून को उत्तराखंड में लागू नहीं कर पाई। राज्य आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती और देवभूमि संगठन के आशीष नौटियाल ने कहा कि राज्य के शहीदों ने राजा आंदोलन में जो शहादत दी है वह बर्बाद नहीं जाएगी और उत्तराखंड में सरकार को भू कानून लाना ही पड़ेगा। उत्तराखंड में राज्य आंदोलन की तर्ज पर ही उग्र आंदोलन किया जाएगा मगर पहाड़ों का और सर्वनाश नहीं होने दिया जाएगा। सभी संगठनों के साथ मिलकर भू-कानून संघर्ष मोर्चा के बैनर तले सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।वहीं उत्तराखंड क्रांति दल भी उत्तराखंड सरकार के ऊपर भू कानून लागू करने का दबाव बना रहा है। प्रदेश में सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) ने पूर्व अध्यक्ष एवं संरक्षक त्रिवेन्द्र पंवार के नेतृत्व में एक दिवसीय उपवास रखा। यूकेडी नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड के सभी लोग लगातार सख्त भू-कानून की मांग कर रहे हैं।
साभार – राज्य समीक्षा