हल्द्वानी। खेल-खेल में पांच साल के मासूम ने फांसी लगा ली। हादसे में बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद से बच्चे के परिवार में कोहराम मचा है, परिजनों के आंसू नहीं थम रहे। घटना हल्द्वानी की है। यहां नूरी मस्जिद इंदिरानगर में मोहम्मद फईम अपने परिवार के साथ रहता है। मोहम्मद फईम पुताई का काम करता है। बुधवार को वो काम पर गया था। घर में पत्नी जीनत और 5 वर्षीय बेटा अरमान, 3 वर्षीय फैजान और डेढ़ साल का रेहान मौजूद थे। करीब 11 बजे जीनत पास की दुकान पर सामान लेने चली गईं। मां के जाते ही अरमान और फैजान छत पर दुपट्टे से बनाए झूले पर झूलने लगे। तभी झूला झूलने के दौरान अरमान का गला अचानक दुपट्टे में फंस गया। थोड़ी देर बाद जीनत दुकान से वापस लौटी तो अरमान कमरे में नहीं दिखा, इस पर वह सीधे छत पर गई। वहां देखा तो अरमान का गला दुपट्टे में फंसा हुआ था।जीनत ने किसी तरह बेटे के गले से दुपट्टा निकाला और मदद के लिए शोर मचाया। शोर सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे। बाद में अरमान को सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। बच्चे की सांसें थम गई थीं। अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। मृतक के परिजन शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे। बच्चे के पिता फईम ने डीएम से मिलकर मासूम बेटे के शव का पोस्टमार्टम नहीं करने की गुहार लगाई। करीब तीन घंटे की कागजी कार्यवाही के बाद फईम को उसके बेटे अरमान का शव दे दिया गया। प्रदेश में ऐसी घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। कुछ महीने पहले अल्मोड़ा में भी एक बच्चे ने खेल-खेल में फांसी लगा ली थी। इन हादसों से सबक लें। छोटे बच्चों को किसी भी हाल में अकेला न छोड़ें।
साभार- राज्य समीक्षा