द्वाराहाट(अल्मोड़ा ) उत्तराखंड पेयजल निगम द्वारा आरक्षण नियमों का उल्लंघन किये जाने के संबंध में उत्तराखंड पेयजल निगम द्वारा आरक्षण नियमों का उल्लंघन किये जाने के संबंध में पीपीआईडी द्वारा द्वाराहाट में तहसीलदार के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भेजा गया।
जिसमें निम्न बिंदु थे-
1. वर्ष 2004-05 में नियुक्त कनिष्ठ अभियंता सिविल का रोस्टर बनाए जाने हेतु शासन द्वारा दिनांक 24.12.2020 को मार्गदर्शन दिया गया था. जिसका अनुपालन एससी पन्त मुख्य अभियन्ता द्वारा किया जाना था, जो उनके द्वारा नहीं किया गया।
2. पुन कनिष्ठ अभियंता सिविल का रोस्टर बनाए जाने हेतु शासन द्वारा दिनांक 20.002021 को मार्गदर्शन दिया गया था. जिसका अनुपालन श्री एस०सी० पन्त मुख्य अभियन्ता(५०) द्वारा किया जाना था, जो उनके द्वारा नहीं किया गया।
3. नियमानुसार रोस्टर का गठन कर अग्रेतर कार्यवाही ना करने से श्री एस०सी० पन्त, मुख्य अभियन्ता (मु०) द्वारा वर्ष 2022 में SC/ST के कनिष्ठ अभियंताओं की कम नियुक्तियां की गई..
जिसकी जाँच की जानी आवश्यक है। 4. आरक्षण अधिनियम में रोस्टर के अनुसार भर्ती किए जाने का नियम है, किंतु श्री एस०सी० पन्त, मुख्य अभियन्ता (मु.), उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा इसका पालन नहीं किया गया।
5. शासन के बार-बार निर्देश के बाद भी श्री एस०सी० पन्त, मुख्य अभियन्ता (मु.) उत्तराखण्ड
पेयजल निगम द्वारा रोस्टर परीक्षण हेतु शासन को प्रेषित नहीं किया गया।
6. सेवा के किसी संवर्ग में रोस्टर का निर्धारण कैडर (कार्यरत कर्मचारी रिक्तियों) के अनुसार किया
जाता है, किंतु श्री एस०सी० पन्त, मुख्य अभियन्ता(मु०), उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा शासन के निर्देश के बाद भी रिक्ति आधारित रोस्टर बनाकर SC/ST कर्मचारियों को हानि पहुंचाई गई।
7. कनिष्ठ अभियन्ता (सिविल) की वरिष्ठता सूची में SC/ST कार्मिकों (दिनेश चन्द्र आर्या, नागेन्द्र आर्या, पुष्कर आर्या, तानसिंह इत्यादि) द्वारा प्रेषित प्रत्यावेदनों का निस्तारण श्री एससी पन्त, मुख्य अभियन्ता(मु०), उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा जानबूझकर नियमानुसार निस्तारित नहीं किया गया।
B. रोस्टर निर्धारण हेतु विभिन्न SC/ST कर्मचारी संगठनों के द्वारा भी कई बार मांग की गयी है किन्तु श्री एससी पन्त, उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा संगठन के पत्रों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गयी।
9. एससी पन्त, मुख्य अभियन्ता(मु), उत्तराखण्ड पेयजल निगम के पक्षपात पूर्ण खैए के कारण SC/ST कर्मचारियों को बार बार न्यायालय जाना पड़ता है। जिसमे उत्तराखण्ड पेयजल निगम द्वारा महंगे-महंगे वकील कर आरक्षित श्रेणियों को उनके हक से वंचित करने का प्रयास किया जा रहा.
जिससे राज्य सरकार / गरीब जनता को धन की हानि हो रही है एवं विभाग / सरकार की छवि
भी धूमिल हो रही है।
12. मुख्य अभियन्ता(मु०) द्वारा कनिष्ठ अभियन्ता(सिविल) का नियमानुसार रोस्टर का गठन ना करने पर SC/ST कार्मिकों द्वारा लोक सेवा प्राधिकरण में दायर याचिका सं. 57AIN/2022 सुनील कुमार बनाम राज्य सरकार व अन्य में दिनाक 04-08-2022 को लोक सेवा प्राधिकरण द्वारा भी निगम द्वारा गठित रोस्टर से असहमति जताते हुये याचिका को सुनवाई हेतु स्वीकार कर लिया गया है।
11. एसस पन्त, मुख्य अभियन्ता () द्वारा SC/ST कार्मिकों को सेवा सम्बन्धी हानि पहुंचाने के उददेश्य से प्रशासनिक तानाशाहीपूर्ण कार्य किये जा रहे हैं।
12. एससी पन्त, मुख्य अभियन्ता द्वारा बार-बार नियमविरुद्ध कार्य कराये जाने पर भी प्रबन्ध निर्देशक / उत्तराखण्ड शासन द्वारा इनके विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। अतः आपसे निवेदन है कि एसस पन्त मुख्य अभियन्ता(०) के द्वारा विगत वर्ष में
किये गये कार्मिकों से सेवा सम्बन्धी प्रकरणों (वरिष्ठता निर्धारण, नियुक्ति पत्र निर्गत करने इत्यादि) के कार्यों में किये गये निर्णयों की उच्चस्तरीय जान कराकर इनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु राज्य सरकार को निर्देशित करने की कृपा करें ताकि आरक्षित श्रेणी के सेवा सम्बन्धी हित प्रभावित ना हो।
ज्ञापन देने वालों में-प्यारेलाल, नवल किशोर, कृष्णा कुमार, हरीश चंद्र आदि थे।