नैनीताल समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक कांति राम जोशी के आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने तथा देहरादून में फर्जीवाड़ा कर अनुसूचित जाति की दुकानों के आवंटन आदि प्रकरणों में हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसके बाद इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को नियत की गई है। दरसल उत्तराखंड शासन के निर्देश पर मार्च 2018 में कांति राम जोशी के विरुद्ध समाज कल्याण विभाग की योजनाओं में भ्रष्टाचार कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी गई थी। तीन वर्षों से इस जांच में कोई कार्यवाही ना होने पर एस.के सिंह (एडवोकेट) ने एक जनहित याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट में दायर की। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस प्रकरण पर जल्दी कार्यवाही का अनुरोध किया। याचिकाकर्ता ने याचिका में कांति राम जोशी के विरुद्ध भ्रष्टाचार अधिनियम के अंतर्गत डालनवाला थाने में वर्ष 2019 में दर्ज मुकदमे में अभी तक कोई ठोस कार्यवाही ना होने के प्रकरण को भी जनहित याचिका में उठाया गया है।
कांति राम जोशी के विरुद्ध अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की दुकानों का फर्जी आवंटन मामले में भी शासन के निर्देशों पर डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए कांति राम जोशी ने हाईकोर्ट की शरण ली थी, परंतु हाईकोर्ट द्वारा कांति राम को गिरफ्तारी से रोक देने से साफ इनकार कर दिया। पुलिस जहां भ्रष्टाचार की धाराओं में दर्ज मुकदमों पर तुरंत गिरफ्तारी करती है, वही कांति राम जोशी की गिरफ्तारी अभी तक ना होना आश्चर्यजनक है। बहरहाल समाज कल्याण विभाग में यह मामला काफी चर्चित होते जा रहा है। सभी की निगाहें इस पर टिकी है कि, पुलिस महकमा इस मामले में हाईकोर्ट में अपना पक्ष किस तरह से रखता है।